कुछ क़िस्से जीवन के गुस्से के I
कुछ क़िस्से उड़ते बादल के,
कुछ क़िस्से आधे पागल के I
कुछ क़िस्से रोती हीरों के,
कुछ क़िस्से सोते फकिरों के I
कुछ क़िस्से बंटती मिट्टी के,
कुछ क़िस्से लुटती हस्ती के I
कुछ क़िस्से बीती जवानी के,
कुछ क़िस्से खेलती नयी निशानी के I
कुछ क़िस्से बुढ़िया नानी के,
कुछ क़िस्से मीरा दीवानी के I
कुछ क़िस्से उसके गेसू के,
कुछ क़िस्से उसके हरसूं के I
कुछ क़िस्से उसके सावन के,
कुछ क़िस्से मेरे आँगन के I
कुछ क़िस्से उत्तर दख्खन के,
कुछ क़िस्से प्रस्तर पावन के I
कुछ किस्से मेरे हिस्से के,
कुछ किस्से जीवन के गुस्से के I
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यह कविता इंडीआस्पाइर के लिए दी गयी शीर्षक से प्रेरित है : Must story writers pick up incidents from their own life or create everything in their imagination? Where do good stories really begin? #StoryWriting
बहुत खुब !!!
ReplyDeleteधन्यवाद रेखा जी!
DeleteNice poem.
ReplyDeleteThanks Abhijit!
DeleteVery nice neeraj ...keep writing
ReplyDeleteThanx Deepshikha jee for your encouragement.
ReplyDeletewow fabulous linings Neeraj. so deep, thoughtful and perfectly rhymed.
ReplyDeleteThanx a lot Bhawana for your wonderful words of appreciation for the post.
ReplyDeleteNeeraj kya baat hai! Kabhi kabhi gusse ke kisse jyada hi ho jate hain :D
ReplyDeleteha ha ha...sach baat hai.
ReplyDeleteआदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' २४ दिसम्बर २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
ReplyDeleteटीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य'
बहुत आभार ध्रुव जी !
Deleteबहुत सुन्दर 👌
ReplyDeleteधन्यवाद अनिता जी !
Deleteबढ़िया !!!
ReplyDeleteधन्यवाद मीना जी!
Deleteबहुत सुंदर किस्से की बात...
ReplyDeleteधन्यवाद RPSMT 4D
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