अतीत के पन्नो
पे, कुछ लफ्ज़
लिखे हैं ,
कुछ नाम, कुछ
लोग, कुछ नक़्श
लिखे हैं I
कुछ पन्नो पे ,एक
चौक , एक चौराहा,
एक सड़क मिलता
है,
कुछ पन्नो पे, एक
मुस्कान, एक हँसी
,एक ठहाका, बेधड़क
मिलता
है I
कुछ सफो पे,
जानी पहचानी रातें
मिलती हैं,
कुछ सफो पे,
जानी पहचानी बातें
मिलती हैं I
कुछ पन्नों पे, सपनो
के कुछ टुकड़े
मिलते हैं ,
कुछ पन्नो पे, अपनो
के कुछ मुखड़े
मिलते हैं I
आज लगता है
के काश...
सपनो के कुछ
टुकड़े अपने होते
के काश...
अपनो के कुछ
मुखड़े अपने होते
I
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wah, very nice
ReplyDeleteThanks Hema Jee!
Deleteso true... loved it.
ReplyDeleteshared on my FB timeline. superb.
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