Sunday, April 15, 2018

कभी कभी कुछ जाने पहचाने ...



कभी कभी कुछ जाने पहचाने ,
अंजाने से लगते हैं I

कभी कभी कुछ रातों के सपने,
बेगाने से लगते हैं I

कभी कभी कुछ होठों के टुकड़े,
अफ़सानो से लगते हैं I

कभी कभी साँसों के चिथड़े ,
एहसानो  से लगते हैं I

कभी कभी शोलों के ओले ,
परवानो से लगते हैं I

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