इन फूलों ने ली अंगड़ाई है,
ये हवा उससे मिल के आई है I
ख्वाब का क्या भरोसा, ख्वाब तो ख्वाब हैं,
आज हक़ीक़त मुझसे मिलने आई है I
मुद्दत्तों इंतेज़ार करते रहे इस बियाबाँ में,
आज जा के एक चिड़िया चह - चाहाई है I
आज शाम से हीं उसके जाने का खौफ है दिल में ,
उसके पास होते भी मेरे दिल से लिपटी तन्हाई है I
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