Monday, August 5, 2024

इन फूलों ने ली अंगड़ाई है...


इन फूलों ने ली अंगड़ाई है, 

ये हवा उससे मिल के आई है I 


ख्वाब का क्या भरोसा, ख्वाब तो ख्वाब हैं,

आज हक़ीक़त मुझसे मिलने आई है I


मुद्दत्तों  इंतेज़ार करते रहे इस बियाबाँ में,

आज जा  के एक चिड़िया चह  - चाहाई है I 


आज शाम से हीं उसके जाने का खौफ है दिल में ,

उसके पास होते भी मेरे दिल से लिपटी तन्हाई है I

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