सुनता हूँ तो सुनाई देती है,
देखता हूँ तो दिखाई देती है,
जिस्म टटोलता हूँ तो,
उसकी बुनाई होती है,
रूह टटोलता हूँ तो,
वो ही समाई होती है I
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