Friday, August 2, 2024

उसके लबों पे मेरा बोसा उधार रहा...

 उसके लबों पे मेरा बोसा उधार रहा,

उसकी आँखों की शर्म का मैं बीमार रहा I 


बस सपनों में मेरा उसपे अख्तियार रहा,

हकीकत मेरे और उसके  बीच एक दीवार रहा I 


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