कुछ बातें सह लेने की होती है I
कुछ बातें जवान होती हैं,
कुछ बातें थकान होती हैं I
कुछ बातें गुमान होती हैं,
कुछ बातें सयान होती हैं I
कुछ बातें बेईमान होती हैं,
कुछ बातें अभिमान होती हैं I
कुछ बातें ख़ाज़ होती हैं,
कुछ बातें इलाज़ होती हैं I
कुछ बातें अज़ाब होती हैं,
कुछ बातें आवाज़ होती हैं I
कुछ बातें दिल जोड़ देती हैं,
कुछ बातें दिल तोड़ देती हैं I
कुछ बातें सर फोड़ देती हैं ,
कुछ बातें डगर मोड़ देती हैं I
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नीरज यह कविता बहुत ही सुंदर लिखी। हर एक पंक्तियां अर्थपुर्ण हैं।
ReplyDelete"कुछ बातें कह देने की होती हैं,
कुछ बातें सह लेने की होती है।"👌👌
उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद वर्षा !
DeleteThere is beauty in subtlety, & there's beauty & subtlety both in your poetry. Keep writing these beautiful poems ��
ReplyDeleteThanks Binita for your words of appreciation for the post.
DeleteBahut Khub!
ReplyDeleteDhanyawad Mridula Jee.
Deleteये बाते ही तो हैं, जो इंसान को इंसान से जोड़ती हैं। बहुत सुंदर प्रस्तूति नीरज जी।
ReplyDeleteआभार ज्योति जी!
DeleteSo many outcomes of "baatein" placed in one place...beautiful post, agree with you.
ReplyDeleteThanks Jyotirmoy for appreciating the post.
Delete
ReplyDeleteसही अौर अर्थपुरण कविता है। तुक भी बहुत अच्छी बैठाई है नीरज। आपने यह कहावत तो सुनी हीं होगी -" बातन हाथी पाइए बातन हाथी पांव " ।
मुझे ये पंक्तियाँ बङी अच्छी लगीं-
कुछ बातें दिल जोड़ देती हैं,
कुछ बातें दिल तोड़ देती हैं I
कविता की सराहना के लिए बहुत आभार रेखा जी!
Deleteमेरे साइट पे आपके एक बार फिर आने से बहुत खुशी मिली ! सहृदय धन्यवाद !