Pic Courtesy: https://www.rediff.com/news/report/12-iaf-jets-drop-1000kg-bombs-on-terror-camps-in-pak-sources/20190226.htm
मारा... मारा... मारा... है,
आज कायर को अनंत व्योम से धिक्कारा है I
मारा... मारा... मारा... है,
आज शांत उपवन से फूटा अंगारा है I
मारा... मारा... मारा... है,
आज हमने भारत की छाती को विस्तारा है I
मारा... मारा... मारा... है,
नभ से बरसा क्रोध,
देता आनेवाले कल का महज़ इशारा है I
मारा... मारा... मारा... है,
आज नभ से आर्यावर्त के रणबांकुरों ने हुंकारा है I
आज कायर को अनंत व्योम से धिक्कारा है I
मारा... मारा... मारा... है,
आज शांत उपवन से फूटा अंगारा है I
मारा... मारा... मारा... है,
आज हमने भारत की छाती को विस्तारा है I
मारा... मारा... मारा... है,
नभ से बरसा क्रोध,
देता आनेवाले कल का महज़ इशारा है I
मारा... मारा... मारा... है,
आज नभ से आर्यावर्त के रणबांकुरों ने हुंकारा है I
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well written
ReplyDeleteThanks Satish B
DeleteNice poetry on the contemporary incident.
ReplyDeleteThanks Jyotirmoy.
DeleteI so wish the IAF pilot gets released soon!
ReplyDeleteNow...the good news has come that Mr. Abhinandan will be released tomorrow.
DeleteNice poem. The dam of restraint is broken.
ReplyDeleteThanks for reading.
DeleteSamayopoyukt veer rash kavita ke liye dhanyabaad.
ReplyDeleteAbhaar Durga Prasad Dash Jee.
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