वो तस्वीर लिख गया I
मैं रात लिख रहा था,
वो प्रभात लिख गया I
मैं नैराश्य लिख रहा था,
वो प्रयास लिख गया I
मैं क़ाश लिख रहा था,
वो आकाश लिख गया I
मैं साँस लिख रहा था,
वो सुहास लिख गया I
मैं शीश लिख रहा था,
वो आशीष लिख गया I
मैं क़ाश लिख रहा था,
वो आकाश लिख गया I
मैं साँस लिख रहा था,
वो सुहास लिख गया I
मैं शीश लिख रहा था,
वो आशीष लिख गया I
मैं हार लिख रहा था
वो प्रहार लिख गया I
मैं बेक़रार लिख रहा था,
वो क़रार लिख गया I
मैं आज लिख रहा था,
वो आगाज़ लिख गया I
मैं साज़ लिख रहा था,
वो आवाज़ लिख गया I
मैं लाल लिख रहा था,
वो गुलाल लिखा गया I
मैं हाल लिख रहा था,
वो कमाल लिख गया I
मैं जाल लिख रहा था,
वो ज़लाल लिख गया I
मैं मलाल लिख रहा था,
वो निहाल लिख गया I
मैं पीर लिख रहा था,
वो आख़िर लिख गया I
मैं लक़ीर लिख रहा था,
वो तस्वीर लिख गया I
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Nice one 👍
ReplyDeleteThanx Sachin.
DeleteThanx Pushpendra.
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