उपर उठता आदमी,
नीचे गिरता आदमी I
अपने चुनता आदमी,
सपने बुनता आदमी I
रिश्ते गाँठता आदमी,
रिश्ते बाँटता आदमी
I
तलवे चाटता आदमी,
हलवे बाँटता आदमी
I
आँखें मूंदाता आदमी,
आँखें दिखाता आदमी
I
आसमान तराशता आदमी,
ज़मीन तलाशता आदमी
I
केचुली छोड़ता आदमी,
नकाब ओढ़ता आदमी I
दमड़ी नोचता आदमी,
चमड़ी भोगता आदमी
I
लुटता लूटता आदमी,
टूटता बनता आदमी I
पत्थर पूजता आदमी,
पत्थर से सर फोड़ता आदमी
I
###
No comments:
Post a Comment