Tuesday, December 6, 2022

मैं चाहता हूँ देखना

 मैं चाहता हूँ देखना,

तारों के आगे I

मैं चाहता हूँ सुनना,

जिह्वा  से आगे I

मैं चाहता हूँ गिनना, 

सपनों से आगे I

मैं चाहता हूँ भीगना,

बारिशों से आगे I

मैं चाहता हूँ लिखना,

शब्दों से आगे I

मैं चाहता हूँ चलना,

रास्तों से आगे I

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2 comments:

  1. बहुत अच्छी अभिव्यक्ति। अनुकरणीय अभिलाषा (या लक्ष्य)।

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  2. धन्यवाद् जीतेन्द्र जी !

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