Friday, January 24, 2020

तुझमें मुझमें ये अंतर था


तुझमें मुझमें ये अंतर था,
की तेरा 'मैं' मुझसे बेहतर था,
और मेरा 'भय' मुझमें निरंतर था I

काश की कोई जंतर होता,
'मैं' साधने का कोई मंतर होता,
तो आज मैं भी उफनता सागर होता,
तेरे जैसा मेरे पास भी पावर होता I
###

4 comments: