चित्र साभार :https://littleindia.com/keralite-nris-turn-towards-posh-old-age-homes-parents/
सोचता हूँ अक्सर, अंधेरे में रहना, गुमनामी पिरोना, अकेलापन सहेजना, हर कम्पन सहना, फिर भी कुछ ना कहना, रहते हमेशा दबकर, सहते सबकुछ हंस कर, सोचता हूँ अक्सर, के किस मिट्टी के होते हैं, ये नींव के पत्थर !