waah kiya khub likha hai...Soch idhar bhi kuchh aisa hi hai..."par mujhko mile toh"
Ha ha ha...bahut abhar Jyotirmoy Kavita ko pasand karne ke liye.
बहुत सूंदर लिखी कविता👌👌
कविता की सराहना के लिए धन्यवाद वर्षा!
Few lines says a lot of things. bahut khub.
Thanks sir for appreciation of the post.
सब कुछ यहीं है। बस नजरों का फेर है। खोजने वाले भगवान को भी यहीं पा लेते हैं। पर मुझको मिले तो.........बहुत खूब !
धन्यवाद रेखा जी !
पर मुझको मीले तो...बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, नीरज जी।
धन्यवाद ज्योति जी!
Nice! :)
Thanks Dee!
waah kiya khub likha hai...
ReplyDeleteSoch idhar bhi kuchh aisa hi hai..."par mujhko mile toh"
Ha ha ha...bahut abhar Jyotirmoy Kavita ko pasand karne ke liye.
Deleteबहुत सूंदर लिखी कविता👌👌
Deleteकविता की सराहना के लिए धन्यवाद वर्षा!
DeleteFew lines says a lot of things. bahut khub.
ReplyDeleteThanks sir for appreciation of the post.
Deleteसब कुछ यहीं है। बस नजरों का फेर है। खोजने वाले भगवान को भी यहीं पा लेते हैं। पर मुझको मिले तो.........बहुत खूब !
ReplyDeleteधन्यवाद रेखा जी !
Deleteपर मुझको मीले तो...बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, नीरज जी।
ReplyDeleteधन्यवाद ज्योति जी!
DeleteNice! :)
ReplyDeleteThanks Dee!
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