Sunday, March 12, 2023

कुछ मुश्किल है

 


कुछ मुश्किल है,

आँख खुलती नहीं,

ख़्वाब मिलते नहीं I


कुछ मुश्किल है,

वक़्त कटता नहीं,

दर्द घटता नहीं I 


कुछ मुश्किल है,

नज़र मिलती नहीं,

असर घुलता नहीं I


कुछ मुश्किल है,

क़दम उठते नहीं,

सफर कटता नहीं I


कुछ मुश्किल है,

रात जाती नहीं ,

नींद आती नहीं I


कुछ मुश्किल है,

राख जलती नहीं,

रोशनी खिलती नहीं I


3 comments:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज रविवार (१९-०३-२०२३) को 'वृक्ष सब छोटे-बड़े नव पल्लवों को पा गये'(चर्चा अंक -४६४८) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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    1. बहुत आभार अनीता जी !

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  2. This comment has been removed by a blog administrator.

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